एक दुनिया अंदर और एक बाहर बाहर की दुनिया में जहाँ मैं जीती हूं मेरा एक नाम है पहचान है घर है गृहस्थी है शान है काम है, लोग मेहरबान है सिर्फ मैं खुद को नहीं पहचानती वहाँ और मन के अंदर एक दुनिया है जीती हूँ यहाँ भी बेनाम, बेघर, बेपहचान ना पैसे की भूख कोई ना मोह कोई, ना मन का कोई मलाल सिर्फ महके हुए अल्फाज़ शहद से मीठी गुनगुनाहट बचपन वाली भोली बातें हँसती हूँ खेलती हूँ यहाँ मैं खुद को पहचानती हूँ यहाँ जीती हूँ यहाँ भी दोनों में जीती हूँ हर पल हर लम्हा एक दुनिया अंदर और एक बाहर मन की दुनिया #lockdowndiary #shriradhekrishna #yqdidi #yqbaba #yqhindiquotes #midnightquote