इश्क़ के मैदान में उससे ही मिलना उसका ही रहना उसके बिना न जीना न मारना हर एक ख्वाब में उसका होना साथ में मुस्कुराना साथ में रोना सब कुछ भूल के बस उसको याद करना तड़पना मिलना मिल के बिछड़ना बिछड़ कर उसको फिर याद करना वो सर्दी के मौसम में रातों को मिलना वो जादू की झप्पी वेलंटाइन की पप्पी वो रंगों की होली दिवाली पे पहनी मेरी लिए जो लाल रंग की चोली वो आँखे मिलाना वो सर को झुका कर के पलके उठाना फिर हुआ कुछ ऐसा की मिला कोई वैसा शायद वो मुझसे अच्छा या मेरे जैसा कहाँ कोई होता है जो निभाए हमेशा रहे पूरे जीवन में वैसा का वैसा