हसरतों को चाँद की खूँटी पे टांग आये हैं, इस बार खुदा से कुछ ख्वाहिश मांग आए है, खूबसूरत रातों के किस्सों में जो पन्ने अधूरे थे खुदा के जहां में वो लम्हा छोड़ आये हैं