ना विशेष हूं ,ना अवशेष हूं ,मग़र मैं अभी शेष हूं ना हिंदू-मुस्लिम ,ना सिख-ईसाई ,केवल मैं इंसान का भेष हूं सृजन की इस मिट्टी पर कभी खण्डित कभी सम्पूर्ण बीज हूं ना हिंसा-करुणा ,ना ऊँचा-नीचा ,मैं बस मानवीयता की खोज हूं #yqbaba #yqdidi #yqtales #tpmd#parallelpoets#equity#manavta#seedoflove