आदिवासी/विकास ----------------------- इमारती लकड़ीयों के लिये, फलदार वृक्ष कांट देते हो। खुद के फायदे के लिये, पुरा जंगल छांट देते हो। तुम तो कहते हो न जंगल बचाना है, फिर कैसे तुम फिरंगीयो का साथ देते हो। तुम्हे उन आदिवासीयो का, आंदोलन नजर नही आता। या तुम्हे आदिवासी का, जंगल पर अधिकार का होना नही भाता। तुमको सामुदायिक वन अधिकार का होना चुभता है, क्योकी एक अनपढ आदिवासी तुमसे सवाल पुछता है। तुम डिंगे हाकते हो जंगल बचाने की, या लालच है तुमको जंगल मे दबे खनिज पाने की। तुम जंगल बचाते तो आदिवासीयों का साथ देते, न की नक्सली बोल उनको मात देते। -@kki #Tribal