"गुलाबी नोट" फिर से दिख रहे हैं मार्केट में अब सबूत इससे बड़ा क्या होगा चुनावी ईमानदारी का --प्रशान्त मिश्रा महीनों बाद कल अचानक एक गरीब के हाथों में ₹₹गुलाबी नोट देखा.....तो चुनाव की निष्पक्षता और ईमानदारी की तरफ ध्यान आकर्षित हुआ... #ये कवि के व्यक्तिगत विचार हैं,कृपया अन्यथा न लें "चुनावी ईमानदारी"