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रोज शाम में टूटते सूरज की तरह, मेरी रूह की गहराई म

रोज शाम में टूटते सूरज की तरह,
मेरी रूह की गहराई में उतरती रही है वो ।
कहती रही है इश्क है हरदफ़ा,
हर दफा मुकरती रही है वो ।।
जब से गुरुर हुआ उन्हें हमारी यारी पर,
हमे बार बार तन्हा करती रही है वो।।। #रूहानी_इश्क #मुकरना #गुरूर #रूह_की_गहराई #nojotopoem
रोज शाम में टूटते सूरज की तरह,
मेरी रूह की गहराई में उतरती रही है वो ।
कहती रही है इश्क है हरदफ़ा,
हर दफा मुकरती रही है वो ।।
जब से गुरुर हुआ उन्हें हमारी यारी पर,
हमे बार बार तन्हा करती रही है वो।।। #रूहानी_इश्क #मुकरना #गुरूर #रूह_की_गहराई #nojotopoem