सनक °°°°° निगाहों में फलक रखता हूँ। चाँद-सितारों की ललक रखता हूँ। नाक़ामियाँ बढ़ाती हैं ज़िद को मेरी, मंज़िल कदमो में हो, सनक रखता हूँ। जुनून-ए-ज़हन कम न होने पाएं। सर पर मैं "कफन" रखता हूँ। विषधर बहुत हैं राह में अपने, कुचलने का हरफ़न रखता हूँ। #shatyagashi #sanak