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उस की तस्वीर निगाहों में छुपा रहा हूँ इस तरह, धूप

उस की तस्वीर निगाहों में छुपा रहा हूँ इस तरह,
धूप छुपा कर जुल्फ़ो से शाम ला रहा हूँ इस तरह  उस की तस्वीर निगाहों में छुपा रहा हूँ इस तरह ।
धूप छुपा कर जुल्फ़ो से शाम ला रहा हूँ इस तरह ।।
'धऱम'
उस की तस्वीर निगाहों में छुपा रहा हूँ इस तरह,
धूप छुपा कर जुल्फ़ो से शाम ला रहा हूँ इस तरह  उस की तस्वीर निगाहों में छुपा रहा हूँ इस तरह ।
धूप छुपा कर जुल्फ़ो से शाम ला रहा हूँ इस तरह ।।
'धऱम'

उस की तस्वीर निगाहों में छुपा रहा हूँ इस तरह । धूप छुपा कर जुल्फ़ो से शाम ला रहा हूँ इस तरह ।। 'धऱम' #Poetry