ऐ चाँद, तू मर क्यों नहीं जाता?- क्यों आता है तू रोज- रोज मेरी गलियों में तू अपने घर क्यो नहीं चला जाता? ऐ चाँद, तू मर क्यों नहीं जाता? तेरी चाहतों की गहराईयों से खूब वाकिफ हूँ मैं तेरे अश्कों के दरिए से मैं डूब क्यो नहीं जाता? ऐ चाँद तू मर क्यो नहीं जाता? ऐ चाँद तू मर क्यो नहीं जाता? ©Himani Singh #chaandtumrrkyunhijaata #ishq #lovepoetry