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कामैस्तैस्तैर्ह्रज्ञाना:प्रापद्धन्ते न्यदेवता: तं

कामैस्तैस्तैर्ह्रज्ञाना:प्रापद्धन्ते न्यदेवता:
तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नीयता:स्वया 11
जीन मनुष्यों का ज्ञान सांसारिक कामनाओं के कारण नष्ठ हो चुका है वे लोग अपने अपने स्वभाव के अनुसार पूर्व जन्मों के अर्जीत संस्कारों के कारण प्रकृति के नियमों के वश में होकर अन्य देवी देवताओंकी शरण में जाते हैं.
भगवत गीता अ. 7 श्र्लोका 21

फला तकु फि मिर्यातिमीम्मा य्अबुदू हा उला T इ b य्अबुदून इल्ला कमा य्अबुदू आबाऊहुम् मिन् कब्लु व इन्ना लमुवफ्फहुम् नसीबहुम् गैर मन्कुरा
तो ए लोग जो गैर खुदा कि पुजा करते हैं उस से तुम शक में न पडना ये इसी तरह पुजा करते हैं जीस तरह पहेले से इन के बापदादा पुजा करते आये हैं और हम उनको उन का हिस्सा पुरापुरा बगैर कुछ घटाए बढाए देनेवाले है ं
सुरे हुद आयात नं.109

©tabarej शीर्क

#MeriEid
कामैस्तैस्तैर्ह्रज्ञाना:प्रापद्धन्ते न्यदेवता:
तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नीयता:स्वया 11
जीन मनुष्यों का ज्ञान सांसारिक कामनाओं के कारण नष्ठ हो चुका है वे लोग अपने अपने स्वभाव के अनुसार पूर्व जन्मों के अर्जीत संस्कारों के कारण प्रकृति के नियमों के वश में होकर अन्य देवी देवताओंकी शरण में जाते हैं.
भगवत गीता अ. 7 श्र्लोका 21

फला तकु फि मिर्यातिमीम्मा य्अबुदू हा उला T इ b य्अबुदून इल्ला कमा य्अबुदू आबाऊहुम् मिन् कब्लु व इन्ना लमुवफ्फहुम् नसीबहुम् गैर मन्कुरा
तो ए लोग जो गैर खुदा कि पुजा करते हैं उस से तुम शक में न पडना ये इसी तरह पुजा करते हैं जीस तरह पहेले से इन के बापदादा पुजा करते आये हैं और हम उनको उन का हिस्सा पुरापुरा बगैर कुछ घटाए बढाए देनेवाले है ं
सुरे हुद आयात नं.109

©tabarej शीर्क

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