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पुनः एक सामान्य घटना प्रकाशहीन,नेत्रहीन और विचारह

पुनः 
एक सामान्य घटना
प्रकाशहीन,नेत्रहीन और विचारहीन
झंझावत का
दीप के प्रकाश से होकर निर्वाह
पर अटलता का वेग से क्या
प्रकाश का अग्नि से क्या धैर्य बडी़ चीज़ है ।

भभक कर जलते दीये को भी देखा है मैंने ,
धुआँ धुआँ हो समय से पहले बुझ जाता है ।


#संयम 
#दीया
पुनः 
एक सामान्य घटना
प्रकाशहीन,नेत्रहीन और विचारहीन
झंझावत का
दीप के प्रकाश से होकर निर्वाह
पर अटलता का वेग से क्या
प्रकाश का अग्नि से क्या धैर्य बडी़ चीज़ है ।

भभक कर जलते दीये को भी देखा है मैंने ,
धुआँ धुआँ हो समय से पहले बुझ जाता है ।


#संयम 
#दीया