पुनः एक सामान्य घटना प्रकाशहीन,नेत्रहीन और विचारहीन झंझावत का दीप के प्रकाश से होकर निर्वाह पर अटलता का वेग से क्या प्रकाश का अग्नि से क्या धैर्य बडी़ चीज़ है । भभक कर जलते दीये को भी देखा है मैंने , धुआँ धुआँ हो समय से पहले बुझ जाता है । #संयम #दीया