लंका नगरी की अशोक वाटिका में बैठ प्रभु श्री राम की वाट निहारती सुई माता सीता की मनोदशा का चित्रण । 🙏🙏🙏🙏 प्रभु दरस की प्यासी सीता तड़प रही इस उपवन में। ओर नही कुछ दिखता है,बस छवि राम की नैनन में। हर पल , हर क्षण तो मानो कांटो सा चुभता है मुझको। ये फलाहार भी अब तो विष के जैसा दिखता है मुझको। बहुत समय है बीत गया , आखिर कब तक तड़पाओगे। इस दुष्ट , अनाचारी का वध कर लेने मुझको आओगे। नही हुई गर भोर मिलन की , बस इतना कर जाऊंगी। अभिलाषा ले मोक्ष की , जप राम राम मर जाऊंगी। ~गोपाल ram viyog