सब्र नाम की चीज नहीं, क्यों आज के इंसान में। खोट भी है खूब भरा, क्यों सबके ही ईमान में। नैतिकता का पता नहीं, अनाचार ही हावी है- बदली-बदली है यह दुनिया, आये न पहचान में। #मुक्तक #दुनियाबदलगईहै #विश्वासी