किताबों में रिश्तों की बेजोडताओं के किस्से बहुत सुने थे, जब हक़ीक़त देखी तो लगा कि सब झूठे हैं..... स्वाद से चलती है दुनियादारी साहब, जो सच्चे हैं उनकी कद्र नही(कड़वाहट), जो पराये हैं वो सिर आंखों पर(मिठास)..... समझना कठिन है ~Navin rai #स्वाद