Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं डरता हूँ, मेरे वजूद से ना हटने वाली तुम्हारी ग

मैं डरता हूँ,
मेरे वजूद से ना हटने वाली तुम्हारी गहरी बोलती नजरों से, 
तुम्हारी हर वक़्त की तवज्जो, जान छिडकने वाले अंदाज से,
मैं तुम्हारे रूबरू झुक जाता हूँ, जब भी तुम मेरे सहारे बनते हो,
और कितना कुछ है, जो मुझे तुम्हारे सामने मोम किये देता है।
फिर, क्यों डरता हूँ मैं फिर से ||4||

पर ये जान लो तुम,
मैं तुम्हें ये सब नही बताऊंगा, 
तुमसे किए हर वादे पर हार जाऊंगा,
तुम्हारी हर बात को मजाक मे उड़ाऊंगा, 
तुम्हे किसी तरह अपने से दूर ले जाऊंगा।
तुम मुझे संगमरमर समझते हो तो समझते रहना, 
मैं तुम्हारे सामने रेत की दीवार नहीं बन सकता,
क्योंकि मुझे हार कर टूट जाने का खौफ रहता है।

और इसलिए, 
डरता हूँ मैं फिर से...||5|| Please Check part 1 as well... #kahani #livingwithoutyou #zindgigulzarhai #inspired #kavita #adhooridastaan
मैं डरता हूँ,
मेरे वजूद से ना हटने वाली तुम्हारी गहरी बोलती नजरों से, 
तुम्हारी हर वक़्त की तवज्जो, जान छिडकने वाले अंदाज से,
मैं तुम्हारे रूबरू झुक जाता हूँ, जब भी तुम मेरे सहारे बनते हो,
और कितना कुछ है, जो मुझे तुम्हारे सामने मोम किये देता है।
फिर, क्यों डरता हूँ मैं फिर से ||4||

पर ये जान लो तुम,
मैं तुम्हें ये सब नही बताऊंगा, 
तुमसे किए हर वादे पर हार जाऊंगा,
तुम्हारी हर बात को मजाक मे उड़ाऊंगा, 
तुम्हे किसी तरह अपने से दूर ले जाऊंगा।
तुम मुझे संगमरमर समझते हो तो समझते रहना, 
मैं तुम्हारे सामने रेत की दीवार नहीं बन सकता,
क्योंकि मुझे हार कर टूट जाने का खौफ रहता है।

और इसलिए, 
डरता हूँ मैं फिर से...||5|| Please Check part 1 as well... #kahani #livingwithoutyou #zindgigulzarhai #inspired #kavita #adhooridastaan