"दोस्त" दोस्त जीवन का आधार है जिंदगी बिना इसके निराधार है कभी पापा की डांट सा तीखा कभी मां के रसगुल्ले सा मीठा है वो कभी भाई सा साथी और बहिन की हाथ की राखी दादा के आशीर्वाद के जैसा और दादी के प्रसाद के जैसा है वो कभी टीचर का लेक्चर और कभी कार्टून केरेक्टर कभी है वो गर्ल फ्रेंड का लेटर आगे रहता हो कोई भी मैटर न वो बड़ा न छोटा होता है हर सुख दुख में साथ होता है न वो अमीर और गरीब होता है वो तो निस्वार्थ फ़कीर होता है दोस्त जीवन का आधार है जिंदगी बिना इसके निराधार है Written by Shailendra Sharma # Friends are precious