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White स्त्रीत्व को छूना भी एक कला है। तुम नंगे हो

White स्त्रीत्व को छूना भी एक कला है।
तुम नंगे हो जाओ, कपडे उतारने की बात नहीं कह रहा हूँ; मन के आवरणों को हटाने की बात कह रहा हूँ। लेकिन जब भी ऐसी कोई बात होती है तो तुम्हारे ख्यालो में स्त्री ही आती है! क्योकि ये बात जानकर तुम हैरान होगे कि तुम्हारी पत्नी भी स्त्री ही है! 
तुम रोज उसे बिस्तर पर साथ पाते हो पर फिर भी उसे समझने की, जानने की चाह कभी नही की! अभी तुम्हे स्त्रीत्व तक पहुँचने में देर है; स्त्री को समझने का, उसके तन को जानने का दम चाहिए। अदभुत साहस चाहिए, प्रेम की अनुभूति चाहिए। परम की आकांक्षा चाहिए।
जबकि लोग उसके उभारो की ऊँचाई देखकर गिर जाते हैं। उसकी गहराइयो में ऐसे डूबते हैं कि मरकर के वापस आते हैं। इसलिए जब भी तुम्हें स्त्री के नजदीक जाने का अवसर मिले तो चूकना मत! जरुरी नहीं कि हर बार तुम सेक्स में हो जाओ, कुछ समय ऐसा भी गुजारना; जहाँ तुम शरीर के पार देखने की कोशिश करना; शायद तुम उसके दिल की धडकन सुन सको, शायद तुम उसके स्त्रीत्व को छू सको, और जिस पल तुमने उसके स्त्रीत्व को छू लिया!
तब अचानक से वासना तिरोहित होगी, और प्रेम का आगमन होगा, तुम एक परमसुख की अनुभूति करोगे, एक ऐसा आनंद जो तुम्हे जन्मों जन्मों तक गुदगुदाता रहेगा, तुम मुस्करा उठोगे, खिल जाओगे, और यही खिलावट तुम्हे जीवन के परम सत्ता की अनुभूति देगी, जीवन के परमआनंद से तुम्हारा मिलन होगा।

 स्त्री काया नही ... ह्रदय हैं 
जो छू सको तो स्त्रीत्व छूना

©Andy Mann #good_night  Sh@kila Niy@z  अदनासा-  Sangeet...  Dr. uvsays  Ashutosh Mishra
White स्त्रीत्व को छूना भी एक कला है।
तुम नंगे हो जाओ, कपडे उतारने की बात नहीं कह रहा हूँ; मन के आवरणों को हटाने की बात कह रहा हूँ। लेकिन जब भी ऐसी कोई बात होती है तो तुम्हारे ख्यालो में स्त्री ही आती है! क्योकि ये बात जानकर तुम हैरान होगे कि तुम्हारी पत्नी भी स्त्री ही है! 
तुम रोज उसे बिस्तर पर साथ पाते हो पर फिर भी उसे समझने की, जानने की चाह कभी नही की! अभी तुम्हे स्त्रीत्व तक पहुँचने में देर है; स्त्री को समझने का, उसके तन को जानने का दम चाहिए। अदभुत साहस चाहिए, प्रेम की अनुभूति चाहिए। परम की आकांक्षा चाहिए।
जबकि लोग उसके उभारो की ऊँचाई देखकर गिर जाते हैं। उसकी गहराइयो में ऐसे डूबते हैं कि मरकर के वापस आते हैं। इसलिए जब भी तुम्हें स्त्री के नजदीक जाने का अवसर मिले तो चूकना मत! जरुरी नहीं कि हर बार तुम सेक्स में हो जाओ, कुछ समय ऐसा भी गुजारना; जहाँ तुम शरीर के पार देखने की कोशिश करना; शायद तुम उसके दिल की धडकन सुन सको, शायद तुम उसके स्त्रीत्व को छू सको, और जिस पल तुमने उसके स्त्रीत्व को छू लिया!
तब अचानक से वासना तिरोहित होगी, और प्रेम का आगमन होगा, तुम एक परमसुख की अनुभूति करोगे, एक ऐसा आनंद जो तुम्हे जन्मों जन्मों तक गुदगुदाता रहेगा, तुम मुस्करा उठोगे, खिल जाओगे, और यही खिलावट तुम्हे जीवन के परम सत्ता की अनुभूति देगी, जीवन के परमआनंद से तुम्हारा मिलन होगा।

 स्त्री काया नही ... ह्रदय हैं 
जो छू सको तो स्त्रीत्व छूना

©Andy Mann #good_night  Sh@kila Niy@z  अदनासा-  Sangeet...  Dr. uvsays  Ashutosh Mishra
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Andy Mann

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