मैं हूँ एक कागज का टुकड़ा मुझे हवाएं न दो, बद्दुआये ली हैं मैंने उसकी, मुझे दुआएं न दो, ये जो लोग आये हैं मेरे जनाजे पर फूल लेकर, चलो कुछ रिवायतें बदलो अब इन्हें रिदायें न दो मैं हूँ एक कागज का टुकड़ा मुझे हवाएं न दो.. वो जो कश्ती उतरी है समंदर में किसी महबूब सी उसे आना इस छोर उसे बालाएं न दो, मै जो भूल गया हूं उसको उसको याद करते मैं नहीं बन सका मजनू मुझे सजाएं न दो... मैं हूँ एक कागज का टुकड़ा मुझे हवाएं न दो, बद्दुआये ली हैं मैंने उसकी, मुझे दुआएं न दो, ©Gaurav's write मुझे हवाएं न दो- नज़्म ll Do follow for such more Hindi Nazm's/Poetries ll (रिदायें- चादरें) #मुझे_हवाएं_न_दो #gauravswrite #gaurav_iit #nojotoquote #nojotonazm #nojotoshayari