तू अजनबी ही रहता तो अच्छा था कम से कम तुझे खुदा तो नही मानती तुम नजरे नही मिलाते तो अच्छा था कम से कम मेरी आँखें तुम्हे तलाशती तो नही तुम सबके सामने मेरी कद्र नही करते तो अच्छा था कम से कम मेरी नजरो में तुम्हारी इज्जत बढ़ती तो नही