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कितना सुकून है इन खेतों और खलिहानों मे जैसे महफिल

कितना सुकून है इन खेतों और खलिहानों मे
जैसे महफिल सजी हो इन विरानों मे

तितलियों ने बिखेरा है रंगो की दुनिया
जैसे जादू चला हो इन नजारो मे

साज बन के खडी़ हैं पछुआ दिवानी
राग हैं बन रहे इन बहारों मे

बादलो ने सम्भाला मजीरे का वादन
गीत हैं बज रहे इन अब फिजाओं मे

सात रंगो मे है आसमानी फलक
रंग ओढ़ा है जैसै दुल्हन हो फिजा मे #NojotoQuote Arun Raina खुशवंत Harvinder Singh Virdi Vinay Vinayak नयनसी परमार
कितना सुकून है इन खेतों और खलिहानों मे
जैसे महफिल सजी हो इन विरानों मे

तितलियों ने बिखेरा है रंगो की दुनिया
जैसे जादू चला हो इन नजारो मे

साज बन के खडी़ हैं पछुआ दिवानी
राग हैं बन रहे इन बहारों मे

बादलो ने सम्भाला मजीरे का वादन
गीत हैं बज रहे इन अब फिजाओं मे

सात रंगो मे है आसमानी फलक
रंग ओढ़ा है जैसै दुल्हन हो फिजा मे #NojotoQuote Arun Raina खुशवंत Harvinder Singh Virdi Vinay Vinayak नयनसी परमार