कितना सुकून है इन खेतों और खलिहानों मे जैसे महफिल सजी हो इन विरानों मे तितलियों ने बिखेरा है रंगो की दुनिया जैसे जादू चला हो इन नजारो मे साज बन के खडी़ हैं पछुआ दिवानी राग हैं बन रहे इन बहारों मे बादलो ने सम्भाला मजीरे का वादन गीत हैं बज रहे इन अब फिजाओं मे सात रंगो मे है आसमानी फलक रंग ओढ़ा है जैसै दुल्हन हो फिजा मे #NojotoQuote Arun Raina खुशवंत नयनसी परमार