बहती हुई हवा संग ज़रा सा बहक जाने दो, तेरी ख़ुशबू से आज साँसों को महक जाने दो! भीगी-भीगी रूत में आज ज़ज़्बात मचल रहे, सर्द मौसम में, थोड़े अरमान दहक जाने दो! दिल का पँछी तुझे ही पुकारे अ यार मेरे, कुछ तुम आओ पास और कुछ हम तेरे! कलियों ने घूँघट खोले, चमन भी गुलज़ार हुआ मन मयूरा नाच रहा, फ़क़त इंतज़ार से बेज़ार हुआ! 🎀 Challenge-451 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 🎀 रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 🎀 अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।