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मूक बाट जोहते, न कहते जुबानी, भरे चक्षुओं में खा

मूक बाट जोहते, 
न कहते जुबानी, 
भरे चक्षुओं में खारा पानी, 
जीवन में पड़ गये एकाकी, 
बताते संतानों के डाॅलर की कहानी। 
२२/३६५@२०२२  लगभग परिवारों के बच्चे शिक्षित होकर विदेशों में नौकरी करने जा बसे हैं और यहाँ देश में - परिवार में माता पिता एकाकीपन का जीवन व्यतीत करने को मजबूर हो गए हैं yreeta-lakra-9mba #life
मूक बाट जोहते, 
न कहते जुबानी, 
भरे चक्षुओं में खारा पानी, 
जीवन में पड़ गये एकाकी, 
बताते संतानों के डाॅलर की कहानी। 
२२/३६५@२०२२  लगभग परिवारों के बच्चे शिक्षित होकर विदेशों में नौकरी करने जा बसे हैं और यहाँ देश में - परिवार में माता पिता एकाकीपन का जीवन व्यतीत करने को मजबूर हो गए हैं yreeta-lakra-9mba #life
reetalakra2626

REETA LAKRA

New Creator

लगभग परिवारों के बच्चे शिक्षित होकर विदेशों में नौकरी करने जा बसे हैं और यहाँ देश में - परिवार में माता पिता एकाकीपन का जीवन व्यतीत करने को मजबूर हो गए हैं yreeta-lakra-9mba life