मैं पूछती हूं अपनो से ; जिसको खो दिया तुमने, कल शायद मिल जाए भी, क्या कीजिएगा पाकर,जो तुमको ठुकरा दिया? क्या कभी ऐसा होगा, सूरज ठंडक बरसाए, और चांद गरम हो जाएगा कटी पतंग जो टूट गई, हाथों में आ जाए फिर? मैं पूछती हूं अपनो से, क्या :- कागज़ के टुकड़े फिर आपस में जुड़ जाएंगे ? धड़के हुए दिल के लम्हे वापस दिल में आएंगे ? ©Senty Poet #Dil #Dosti #Bechara #Narayan_Markam #Kha #Agar #mastmagan