सर सराती हवा की गुंजन करती मेरे घट को रंजन जब होती तुम अंतरंग मेरे तब लगता मैं हूँ तेरे संजन #गुंजन -मधूर आवाज #रंजन-प्रसन्न करना #संजन-बाँधना