#FourLinePoetry जीवन को पानी की तरह प्रवाह में बहाता चला गया पहले से ही उलझी डोर को और मुश्किल बनाता चला गया सबक जिन्दगी के लिए सिखाता मुझे और मज़बूत बनाता चला गया गमों के टोकरे से छोटी- छोटी खुशियां बिंदना भी तो सीखाता गया। ©Kajol Prem #fourlinepoetry 08/08/2021