किरदार कई मिले, पर तुम जैसे यार नसिब थे, वरणा क्या ही रौनक थी , तुम बिन जिंदगी अधुरी थी. साल तो कई गुजर जयेंगे, तुम बिन यारो, जिन्दगी के राज मिलकर ही बताये जायेंगे पग्लो....! ©Gayatri Modhave किरदार कई मिले, पर तुम जैसे यार नसिब थे, वरणा क्या ही रौनक थी , तुम बिन जिंदगी अधुरी थी. साल तो कई गुजर जयेंगे, तुम बिन यारो, जिन्दगी के राज मिलकर ही बताये जायेंगे पग्लो....!