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प्रिय महबूब, तुमसे मिलने की तमन्ना अधूरी लगती है य

प्रिय महबूब,
तुमसे मिलने की तमन्ना अधूरी लगती है
ये ज़िदंगी क्या तुम बिन पूरी लगती है

प्रेम करते हैं इतना कि बयां नहीं होगा
तुम बिन ये दुनिया बुरी लगती है
कभी धड़कनों को सुनो आकर
आंखे भी अब ये भरी भरी लगती हैं

©हरिओम सुल्तानपुरी #loveshove
#miss 
#First 
#Nozoto
प्रिय महबूब,
तुमसे मिलने की तमन्ना अधूरी लगती है
ये ज़िदंगी क्या तुम बिन पूरी लगती है

प्रेम करते हैं इतना कि बयां नहीं होगा
तुम बिन ये दुनिया बुरी लगती है
कभी धड़कनों को सुनो आकर
आंखे भी अब ये भरी भरी लगती हैं

©हरिओम सुल्तानपुरी #loveshove
#miss 
#First 
#Nozoto