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*नासमझ बच्चो के तन से खिलवाड़ करते दरिंदे....।* कै

*नासमझ बच्चो के तन से खिलवाड़ करते दरिंदे....।*
कैसे भयानक मंजर बना हुआ है।
मासूम लड़कियों के तन से अपनी हवस बुझाने वाले लोग ये क्यों भुल जाते है 
उन्होंने भी किसी औरत के पेट से जन्म लिया है।
ना वो उम्र देखते है। ना वो रहम करते है। 
खुदकी हवस के लिए वो मासूम बच्चियों को अपना शिकार बनाते है।
और ऐसा करने वाले लोग खुले आम घूमते है। 
हमारा समाज भी महिलाओं को दोषी मानने लगता है।
क्या हुआ है मेरे लोगो यहां 
हिम्मत बढ़ाने वाले भी जिस्म की भूख रखते है।
*जिसने तुम्हे जन्म दिया वो भी किसी की बेटी थी*
*तुम जिसे अपना शोख समझते हो वो भी किसी की बेटी है।*
*जब कभी तुम्हारे घर में जन्म होगा वो तुम्हारी बेटी होगी*
दिल दुखता है मां बाप का जब भरे समाज में इज्जत लूट जाती है
 जिसे पाल के बड़ा करते है
 वो जब दूसरे की गलती से खुदकुशी  कर जाती है...
*जिस तरह रोशनी में अंधकार छाने लगता है 
भरे उजाले में कुछ घने बादलों से सूरज ढलने लगता है 
ओर बादलों का दोष सूरज को लग जाया करता है।*
 (जैसे दरिंदे को पाप लड़कियों को उठाना पड़ता है।)
हैवानियत के लोगों से जरा कुछ शब्द कहना चाहता हूं 
जरा अपने अंदर देखो संस्कार रखना सीखो तुम जैसा करोगे
 वैसा एक दिन अपने घर में देख लेना तुम 
जिन मां बाप की बेटी को अपना शौक बनाते हो
 उनकी बद्दुआ से तुम कभी ना खुश रह पाओगे
 और एक दिन अपने ही घर के चिराग बुझा जाओगे 
रहम करो बच्चियों पर तुम जो नाबालिक है
 जिन्हें संबंधों का मतलब नहीं पता तुम वह पाप कर जाते हो
 वह बच्चियां टूट कर बिखर जाती है 
न जाने किस दर्द का शिकार बन जाती है 
थोड़ा तो रहम करो अपनी आदतों पर शर्म करो तुम थोड़ा तो रहम करो 
तुम थोड़ा तो रहम करो इंसानियत को समझो और संस्कार रखना सीखो
 तुम थोड़ा तो रहम करो

©Rishiraj Shrotriya #Rap with under age girl

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*नासमझ बच्चो के तन से खिलवाड़ करते दरिंदे....।*
कैसे भयानक मंजर बना हुआ है।
मासूम लड़कियों के तन से अपनी हवस बुझाने वाले लोग ये क्यों भुल जाते है 
उन्होंने भी किसी औरत के पेट से जन्म लिया है।
ना वो उम्र देखते है। ना वो रहम करते है। 
खुदकी हवस के लिए वो मासूम बच्चियों को अपना शिकार बनाते है।
और ऐसा करने वाले लोग खुले आम घूमते है। 
हमारा समाज भी महिलाओं को दोषी मानने लगता है।
क्या हुआ है मेरे लोगो यहां 
हिम्मत बढ़ाने वाले भी जिस्म की भूख रखते है।
*जिसने तुम्हे जन्म दिया वो भी किसी की बेटी थी*
*तुम जिसे अपना शोख समझते हो वो भी किसी की बेटी है।*
*जब कभी तुम्हारे घर में जन्म होगा वो तुम्हारी बेटी होगी*
दिल दुखता है मां बाप का जब भरे समाज में इज्जत लूट जाती है
 जिसे पाल के बड़ा करते है
 वो जब दूसरे की गलती से खुदकुशी  कर जाती है...
*जिस तरह रोशनी में अंधकार छाने लगता है 
भरे उजाले में कुछ घने बादलों से सूरज ढलने लगता है 
ओर बादलों का दोष सूरज को लग जाया करता है।*
 (जैसे दरिंदे को पाप लड़कियों को उठाना पड़ता है।)
हैवानियत के लोगों से जरा कुछ शब्द कहना चाहता हूं 
जरा अपने अंदर देखो संस्कार रखना सीखो तुम जैसा करोगे
 वैसा एक दिन अपने घर में देख लेना तुम 
जिन मां बाप की बेटी को अपना शौक बनाते हो
 उनकी बद्दुआ से तुम कभी ना खुश रह पाओगे
 और एक दिन अपने ही घर के चिराग बुझा जाओगे 
रहम करो बच्चियों पर तुम जो नाबालिक है
 जिन्हें संबंधों का मतलब नहीं पता तुम वह पाप कर जाते हो
 वह बच्चियां टूट कर बिखर जाती है 
न जाने किस दर्द का शिकार बन जाती है 
थोड़ा तो रहम करो अपनी आदतों पर शर्म करो तुम थोड़ा तो रहम करो 
तुम थोड़ा तो रहम करो इंसानियत को समझो और संस्कार रखना सीखो
 तुम थोड़ा तो रहम करो

©Rishiraj Shrotriya #Rap with under age girl

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