खामोशियों के पीछे की चीखें सुनाई नहीं देती महसूस ह

खामोशियों के पीछे की चीखें सुनाई नहीं देती
महसूस होती हैं
ये वो पल होते हैं जो जीवन में खामोश होते हैं
इनकी आवाज़ें कानों को चीर देती हैं
रूह को तार तार कर देती हैं
हर खामोशी के पीछे चीखों की कतार होती हैं
जो रहती दिल में है और आंसुओं  की यार होती है
शशशश्श........ ख़ामोश
ख़ामोशी की भी ज़ुबान होती है

©Dr  Supreet Singh
  #खामोशियां
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