मैं लिखू उसको तो शब्द सिंदूर हो जाए करू मैं इश्क ऐसा की वो दस्तूर हो जाए, मेरी चुप्पी मे भी भाव को समझ ले वो, मैं हाथ में हाथ रखूं तो वो मशहूर हो जाए. ✒️ नीलेश सिंह पटना विश्वविधालय ©Nilesh #सिंदूर