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-:★एक माता-पिता ही तो है★:- न जाने वो हमारे खुशिय

-:★एक माता-पिता ही तो है★:-

न जाने वो हमारे खुशियों के लिए,
 वो कितने पसीना बहाते है..
न जाने वो अपने सपनों को छोड़कर,
हमारे लिए कितनें सपनें सजाते है..

हम उनके पसीना को,  
कितना काम में लाते है.. 
ए तो हमारी ईमानदारी से,
किए मेहनत बताते है..

वैसे तो उनकें कर्ज को,
हम कभी चुका नहीं पाते हैं
बस उनकें सजाए सपनों को,
 पूरा करनें वालें ही बादशाह कहलाते हैं..

उनके चरणों मे ही असली,
तीर्थ स्थल पाये जाते है..
एक माता-पिता ही तो है,
 जिसके सामने ईश्वर भी शीश झुकाते हैं.

-कुमार श्री एस. पी. यादव- 1st poem...
-:★एक माता-पिता ही तो है★:-

न जाने वो हमारे खुशियों के लिए,
 वो कितने पसीना बहाते है..
न जाने वो अपने सपनों को छोड़कर,
हमारे लिए कितनें सपनें सजाते है..

हम उनके पसीना को,  
कितना काम में लाते है.. 
ए तो हमारी ईमानदारी से,
किए मेहनत बताते है..

वैसे तो उनकें कर्ज को,
हम कभी चुका नहीं पाते हैं
बस उनकें सजाए सपनों को,
 पूरा करनें वालें ही बादशाह कहलाते हैं..

उनके चरणों मे ही असली,
तीर्थ स्थल पाये जाते है..
एक माता-पिता ही तो है,
 जिसके सामने ईश्वर भी शीश झुकाते हैं.

-कुमार श्री एस. पी. यादव- 1st poem...