White सब से मिलता हूं, अंदाज़ा लगाया करता हूं, मैं उसके शहर आकर उसका वादा निभाया करता हूं, वस्ल में,हिज्र में एक सा रहेंगे कहकर, उसने मेंहदी लगा ली है, और मैं ग़म खाया करता हूं, एक शब की तन्हाई मिटा दी उसने, रोज़ अब सिलवटें सजाया करता हूं, बाम - ओ - दर उसकी गली होकर आया हूं, जब से, राह अब औरों को बताया करता हूं...... 23/06/2024 ©Shahzada moin #cg_forest #fyp