ज़िन्दगी चार दिन की हे खुलकर जिएंगे हम.... पहला दिन ' में खूबसूरत ख़ुशी.... अगले ही पल हे बेकसी और गम.... ज़िन्दगी है चार दिन की खुलकर जियेंगे हम..... अगले दिन एम्बिशन पर खुद को आजमाया.... कई मर्तबा हारा और कई बार हार जाने की इजाज़त हुई .... फिर अंदर से उभरा कोई मरहम.... उम्मीद कभी खत्म हुई ही नही...... ज़िन्दगी चार दिन की हे खुलकर जिएंगे हम.... कुछ भर्म खुद के कुछ दुनिया के भी हटाना ज़रूरी हे.... चला रहगुज़र खुद की तर्ज़ से बनाके न बाकि रहा कोई सपना ' न रही दुनिया से शर्म.... " ज़िन्दगी है चार दिन की खुलकर जिएंगे हम.... कोसिस ज़िन्दगी का वो मोती है जो खुद कभी नहीं निखरता हर बार किसी न किसी को उसकी प्रतिभा से रूबरू करता... हे.. ©G0V!ND_DHAkAD #Life #ज़िन्दगी चार दिन की हे खुलकर जिएंगे हम.... पहला दिन में #खूबसूरत ख़ुशी.... अगले ही पल हे बेकसी और गम.... ज़िन्दगी है चार दिन की खुलकर जियेंगे हम..... अगले दिन #एम्बिशन पर खुद को #आजमाया.... कई मर्तबा हारा और कई बार हार जाने की इजाज़त हुई .... फिर अंदर से उभरा कोई #मरहम....