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शत् शत् बार नमन मां तुझको शत् शत् बार ये वंदन है।।

शत् शत् बार नमन मां तुझको
शत् शत् बार ये वंदन है।।
गूंज उठा आकाश
 हमारे वीर हवा तन मन में है।।
पर्वत तक को झुका लिया
चारों ओर ये कृंदन है।।
आज गर्व भारत मां तुझपर....।
हर बेटा तेरा अभिनंदन है।। my old poem.....
शत् शत् बार नमन मां तुझको
शत् शत् बार ये वंदन है।।
गूंज उठा आकाश
 हमारे वीर हवा तन मन में है।।
पर्वत तक को झुका लिया
चारों ओर ये कृंदन है।।
आज गर्व भारत मां तुझपर....।
हर बेटा तेरा अभिनंदन है।। my old poem.....
pavansen9323

pavan sen

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