विपक्ष ...... अपनी राजनीतिक जमीन तलाशता हुआ......... *********************************** (कृपया अनुशीर्षक में डुबकी लगाएं और कविता का आनन्द उठाएं) बहुत रंज है उन्हें इस देश की जनता की बेवफाई पर जो तमाम उम्र किसी जिम्मेदारी के काबिल हो न सके, शिकवे भी कितने सारे हैं उनके इस देसी हुकूमत से आप वो क्यों कर रहे,जो कहा हमने पर कर न सके। खटकता बहुत है यह प्रधान सेवक, उनकी जमात को इतने अपशब्दों पर भी उनकी ओर पलटता क्यों नहीं है