20 Lakh crores मैं पटरी पर बिखरी रोटी हूँ, तुम उम्मीदों का भाषण हो में भूख से मरता हूँ अक्सर तुम लेट पहुँचता राशन हो हर धूप को सह लूँगा सुन लो, ना मँगूँगा मैं छाँव प्रिये! बस कर दो एक एहसान सुनो, पहुँचा दो मुझको गाँव प्रिये! #20_lakh_crores