सिखाते प्रेम हमको हैं,जहाँ के ये,सभी पौधे। न किसी से वैर करते हैं,नहीं ये भावना रौंदे।। लगाओ तुम,सदा घर में,बड़े ये काम के होते। खड़ा ना तुम,यहाँ रहना,कभी जब आसमाँ कौंधे।। ©Bharat Bhushan pathak #NatureLove poetry lovers hindi poetry on life poetry on love hindi poetry love poetry in hindi