जिंदगी यूं भी गुजर जाती हैं ...ख्वाबों की तरह । हम भी वर्कों में सिमट जाते, किताबों की तरह ।। तुमको फूलों पे भी चलने की, शिकायत हैं मगर । हमने पत्थर भी संभाले हैं .....गुलाबों की तरह ।। #हैप्पी_रोज_डे ©हरीश भट्ट #HAPPY_ROSE_DAY🌹