यदि कोई आपका प्रेम ठुकरा दे ,यदि कोई आपका प्रेम समझ ही ना पाए तो क्या होगा ! कुछ उदास हो जाएंगे,कुछ छल करके प्रेम पाना चाहेंगे तो कुछ बलपूर्वक प्रेम पर अधिकार करना चाहेंगे किन्तु ये आवश्यक नहीं कि जिससे आप प्रेम करते हो उसे भी आपसे प्रेम हो क्योंकि , प्रेम कोई वस्तु नहीं ,ना राज्य है ना धन । जिसे आप बल से अपने वश में कर सको । प्रेम वो शक्ति है जो हर बंधन तोड़ सकती है किंतु स्वयं किसी बंधन में नहीं फसती । इसलिए जिससे भी आप प्रेम करते हो उसे स्वतंत्र छोड़ दीजिए क्योंकि,स्वतन्त्रता ही वो भाव है जो जीव को सबसे अधिक प्रिय है । प्रेम सच्चा होगा तो उसे अवश्य समझ में आएगा तब तक के लिए नि:स्वार्थ भाव से प्रेम कीजिए....स्वार्थ हट जाएगा प्रेम मिल जाएगा ।।