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कोरा कागज़ रहा मैं हमेशा,मन में कोई बैर, छल नहीं थ

कोरा कागज़ रहा मैं हमेशा,मन में कोई बैर, छल नहीं था |
तब भी था अधूरा,मैं हर किसी के लिए मुक्कमल नहीं था |
सीखा दिए सबक मुझे जिंदगी ने,राह काँटों भरी गुज़रने के बाद
जैसा बता रहा है ज़माना मुझे, ऐसा मैं कभी कल नहीं था |

©Rahul Anand #CityWinter #kagaz #poem #Poetry #Shayari #Poet #Shayar #lyrics
कोरा कागज़ रहा मैं हमेशा,मन में कोई बैर, छल नहीं था |
तब भी था अधूरा,मैं हर किसी के लिए मुक्कमल नहीं था |
सीखा दिए सबक मुझे जिंदगी ने,राह काँटों भरी गुज़रने के बाद
जैसा बता रहा है ज़माना मुझे, ऐसा मैं कभी कल नहीं था |

©Rahul Anand #CityWinter #kagaz #poem #Poetry #Shayari #Poet #Shayar #lyrics
rahulanand8996

Rahul Anand

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