रहवय जीव जंतु पशु पखेरू कठ्ठे वन म लुटय प्रकृति के नज़ारे बिन खर्चे धन म जमा ना पाप द्वेष भेदभाव राखते मन म मानते सबका अधिकार है कण कण म होते दिल त खुश देख एक दूजे झूमते फन म दिखय स आज भी इंसानियत जिंदा जन जन म ✨♥️✨🕉️🔱💫📙🔭✍️ - Rajkumar Siwachiya ✍️ ©Rajkumar Siwachiya रहवय जीव जंतु पशु पखेरू कठ्ठे वन म लुटय प्रकृति के नज़ारे बिन खर्चे धन म जमा ना पाप द्वेष भेदभाव राखते मन म मानते सबका अधिकार है कण कण म होते दिल त खुश देख एक दूजे झूमते फन म दिखय स आज भी इंसानियत जिंदा जन जन म ✨♥️✨🕉️🔱💫📙🔭✍️ - Rajkumar Siwachiya ✍️