रौनक रोशनी से नहीं आती ' उन्हें आँखें बनाती है.... उम्मीद हासिल को नहीं चाहत है ' जो वहां तक ले जाती है.... जरुरत हर एक की है यहाँ ' राही राहों से काबिल है ..... रोशनी निगाहों से काबिल है... चलते रहना मुसाफिर के की जरुरत है..... . मगर राह वही सही जो मंज़िल दिखाती है... " Atal Bihari Vajpayee #death_anniversary