ये आसाढ़ का बादल कहता है हमसे तू भी बरस जा बहुत हुवा अब तेरा जेठ सा होना मिलने को ये सावन भी बेताब है तुझसे मान मेरी बात चल नाचे जम के आसाढ़ का बादल कहता है हमसे आजकल तो है जेठ भी बरसे कब तलक दिल तेरा यूँ ही तरसे चल हमदोनो ही मिल के बरसे ! ©gudiya #आसाढ़ का बादल #hangout