जानि बूझि साँचहि तजै, करै झूठ सूं नेह । ताकी संगति रामजी, सुपिनै ही जिनि देहु । जो जानबूझ कर सत्य का साथ छोड़ देते हैं झूठ से प्रेम करते हैं, हे भगवान् ऐसे लोगों की संगति हमें स्वप्न में भी न देना ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' संगति