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जीवन की प्रतिध्वनि सुनने को कुछ नया नया सा बुनने क

जीवन की प्रतिध्वनि सुनने को
कुछ नया नया सा बुनने को
मेरे मन ने संकल्प लिया
धुंधले बिम्बों से चुनने को
मन गहराई में अक़्सर
आवाज़ सुनाई देती है
चाहत की धीमी धीमी सी
परवाज़ दिखाई देती है-
कहती है तुम मेरे हो
तुम ही तुम हो एहसासों में
जिस परिधि में तुम घिरे हुए
बेचैन हुई अब खुलने को जीवन की प्रतिध्वनि सुनने को
कुछ नया नया सा बुनने को
मेरे मन ने संकल्प लिया
धुंधले बिम्बों से चुनने को
मन गहराई में अक़्सर
आवाज़ सुनाई देती है
चाहत की धीमी धीमी सी
परवाज़ दिखाई देती है-
जीवन की प्रतिध्वनि सुनने को
कुछ नया नया सा बुनने को
मेरे मन ने संकल्प लिया
धुंधले बिम्बों से चुनने को
मन गहराई में अक़्सर
आवाज़ सुनाई देती है
चाहत की धीमी धीमी सी
परवाज़ दिखाई देती है-
कहती है तुम मेरे हो
तुम ही तुम हो एहसासों में
जिस परिधि में तुम घिरे हुए
बेचैन हुई अब खुलने को जीवन की प्रतिध्वनि सुनने को
कुछ नया नया सा बुनने को
मेरे मन ने संकल्प लिया
धुंधले बिम्बों से चुनने को
मन गहराई में अक़्सर
आवाज़ सुनाई देती है
चाहत की धीमी धीमी सी
परवाज़ दिखाई देती है-