शिव ही गुरु है, गुरु ही शिव है, गुरु ही शिव अवतारी है, मातृ-पितृ रूपी गुरु है, शिष्य के भाग्य लेखाकारी है। गुरु अथाह हैं, गुरु अनंत हैं, गुरु ही परमज्ञानी है, गुरु ही कर्ण है, गुरु पितामह, गुरु ही परमदानी है। गुरु ही शून्य है, गुरु शिखर है, गुरु ही विशाल हिमालय है, चरणधूलि में बसते इनके, शिव का भी शिवालय है। शिक्षा से अभिभूत कर शिष्य को, गुरु देते अनमोल दान, नाम सोहरत मिले शिष्य को, गुरु देते यही वरदान। #kavisam1999 #teachersday