#अक्सर_लोग_सोचते_हैं आँखे जिसकी भीगी देखी नही, उसे दर्द कैसा, जो काम आए हर किसी के,उसे ज़रूरत कैसा, जो सबकी हरते पीड़ा, वास्ते उनके मरहम कैसा, पास जिसके हर कोई जाए, वो अकेला स्वयं कैसा, जो तत्पर सबकी सुनने को तैयार, उसे विलंब कैसा जो हर पल दिखता मुस्कराता, होगा उसे क्षोभ कैसा, जो दिखे अनुभवी एवं शांत, जीवन उसके विपदा कैसा, दे सकता जो सकल को ज्ञान, ज़रूरत उसे परामर्श कैसा, खामोश रह जाते जुबां "उसके" अक्सर इन्ही "अनुमानित गणितो" में के समझेगा कौन फर्क़ मेरे "खामोश अधर" और "व्यवहार के तत्परता" का..!! ©Puja Shaw #Nojoto #nojotohindi #poem #Life_experience #lifelessons #WoNazar #people