इस जहां में कुछ नहीं ग़म है बस,
वक़्त मिले तो ढूढ़ ले खुशी ईन रुसवा तन्हाइयों में।
लड़े तू जितना भी उस खुदा से ,
मगर सुकून तो है उसी के दर पर बस।
तमन्नाओं की आरजू में खुद को डूबो ना यूँ ,
मंजिलें तो मिलेंगी खामोशी से लड के बस।
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